जयपुर : राजस्थान के बहुचर्चित जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले में पूर्व जलदाय मंत्री महेश जोशी की गिरफ्तारी के बाद अब सियासत गरमा गई है। राज्य के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने इस मामले में बड़ा बयान देते हुए कहा कि सिर्फ एक मंत्री की गिरफ्तारी से कार्रवाई पूरी नहीं होनी चाहिए, बल्कि इस घोटाले में शामिल अफसरों को भी कानून के शिकंजे में लाना जरूरी है।
किरोड़ी मीणा ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मैंने खुद इस घोटाले में शामिल कई अधिकारियों के खिलाफ दस्तावेज ED को सौंपे थे। करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार में उनकी भी अहम भूमिका रही है, सिर्फ महेश जोशी को पकड़कर इतिश्री नहीं होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत जल आपूर्ति योजनाओं, पाइपलाइन खरीद और टेंडर आवंटन में बड़े स्तर पर गड़बड़ियां की गईं। ये गड़बड़ियां बिना अफसरों की मिलीभगत के संभव नहीं थीं। अब जबकि ED ने मंत्री पर हाथ डाला है, तो प्रशासनिक अधिकारियों की जांच भी उतनी ही जरूरी है।
महेश जोशी की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस खेमा इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बता रहा है, वहीं बीजेपी इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई करार दे रही है। किरोड़ी मीणा के बयान से यह साफ हो गया है कि अब अगला निशाना ब्यूरोक्रेसी पर है।
जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य हर घर तक पाइप से जल पहुंचाना है। राजस्थान में इस योजना को लागू करने के लिए हजारों करोड़ का बजट जारी हुआ था, लेकिन आरोप है कि इसमें बड़े पैमाने पर घोटाले हुए।
जल जीवन मिशन घोटाले में मंत्री से लेकर अधिकारी तक कई चेहरे सामने आ रहे हैं। किरोड़ी मीणा की मांग को गंभीरता से लिया जाए तो आने वाले दिनों में अधिकारी वर्ग पर भी बड़ी कार्रवाई संभव है। ED की अगली चाल पर सबकी नजर टिकी हुई है।
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