जयपुर/जैसलमेर: भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सभी वीज़ा सेवाएं निलंबित करने के फैसले ने राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में रह रहे करीब 20,000 पाकिस्तानी नागरिकों में हड़कंप मचा दिया है। केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, 27 अप्रैल 2025 से LTV और STV वीजा रद्द कर दिए जाएंगे, जिससे इन नागरिकों को भारत छोड़ना अनिवार्य हो जाएगा।
राजस्थान की 1080 किलोमीटर लंबी सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है। इसमें जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर और श्रीगंगानगर जैसे जिले शामिल हैं।
जैसलमेर में करीब 6,000 पाक नागरिक LTV वीजा पर रह रहे हैं।
वहीं, 1,200 नागरिक STV (Short Term Visa) पर हैं।
इन जिलों में प्रशासन द्वारा इन नागरिकों को वीजा समाप्ति की जानकारी दी जा रही है।
भारत में मेडिकल ट्रीटमेंट पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को विशेष राहत देते हुए 29 अप्रैल तक भारत में रुकने की अनुमति दी गई है। हालांकि, इस तिथि के बाद उनके वीजा भी अमान्य माने जाएंगे।
गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की संयुक्त गाइडलाइंस के अनुसार, हिंदू, सिख, ईसाई व अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को इस आदेश से राहत दी गई है।
ये समुदाय LTV पर भारत में रह सकते हैं।
कई पाकिस्तानी हिंदू परिवार पुनर्वास प्रक्रिया में हैं और उन्हें स्थायी निवास की दिशा में आगे बढ़ने की अनुमति दी जा रही है।
राज्य सरकार और FRO (Foreigners Registration Officer) के माध्यम से सभी पाकिस्तानी नागरिकों को उनके वीजा स्टेटस की जानकारी दी जा रही है।
उन्हें बताया जा रहा है कि कौन से विकल्प उनके लिए उपलब्ध हैं और उन्हें कानूनी तरीके से भारत छोड़ने की प्रक्रिया कैसे अपनानी है।
भारत सरकार का यह निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया है, जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या हुई थी। इस हमले के बाद सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए वीजा पॉलिसी को तत्काल प्रभाव से संशोधित किया है।
राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के लिए 27 अप्रैल की डेडलाइन बेहद अहम साबित होगी। जहां अल्पसंख्यक समुदायों को राहत दी गई है, वहीं अधिकांश वीजा धारकों को अब भारत छोड़ना पड़ेगा। प्रशासन ने इस संबंध में सभी जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे और मानवता के आधार पर कार्यवाही हो।
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