जैसलमेर/जयपुर: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश जारी किया गया है। इस सख्त फैसले का असर अब राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में साफ नजर आ रहा है, खासकर जैसलमेर जिले में, जहां 1200 से अधिक पाक हिंदू शरणार्थी शॉर्ट टर्म वीजा पर रह रहे हैं और अब उन्हें वापस पाकिस्तान भेजे जाने का डर सता रहा है।
जैसलमेर के मुलसागर गांव के पास स्थित ‘एकलव्य भील बस्ती’ में हाल ही में पाकिस्तान से आए कई हिंदू परिवार रह रहे हैं। इनमें अधिकांश लोग सिंध प्रांत के घोटकी जिले से आए हैं, जहाँ उन्हें धार्मिक उत्पीड़न और हिंसा का सामना करना पड़ा।
22 अप्रैल, जिस दिन पहलगाम आतंकी हमला हुआ, उसी सुबह खेतोराम अपने परिवार—पत्नी हुरमत (46), बेटे अमरलाल (14) और अनिल कुमार (11)—के साथ अटारी बॉर्डर पार कर भारत पहुंचे थे। खेतोराम ने कहा,
"हम पाकिस्तान जैसे नरक में वापस नहीं जाना चाहते। भारत में मरना मंजूर है, लेकिन वहां लौटना नहीं।"
उन्होंने केंद्र सरकार से दया की अपील की है।
बालम, जो घोटकी के नूर हसन शाह गांव से आए हैं, उनकी पत्नी सहनाज और गोद में खेलता बेटा वीर भी भारत में शरण के लिए आए हैं। NDTV से बातचीत में उनका साफ कहना था:
"हमने सब कुछ छोड़ दिया, अब हमें मत लौटाओ। हम यहीं रहना चाहते हैं।"
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी हैं।
सरकार के आदेश अनुसार, 27 अप्रैल तक सभी शॉर्ट टर्म और अन्य वीजा रद्द कर दिए जाएंगे। इस आदेश से शरणार्थी समुदाय सदमे में है, क्योंकि वे मजबूरी में भारत आए थे।
CID के एएसपी नरपत सिंह, जो Foreigners Registration Officer (FRRO) भी हैं, ने फोन पर बताया कि केंद्र सरकार से अंतिम दिशा-निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि LTV (Long Term Visa) धारकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन STV (Short Term Visa) पर आए लोगों की स्थिति स्पष्ट नहीं है।
शरणार्थियों का कहना है कि वे भारत को ही अपना असली वतन मानते हैं और वे सिर्फ सुरक्षित जीवन और धार्मिक आज़ादी की उम्मीद लेकर यहां आए हैं। अब सरकार के इस फैसले से उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
भारत सरकार के आदेश से जहां राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ा कदम उठाया गया है, वहीं जैसलमेर जैसे सीमावर्ती इलाकों में रह रहे पाक हिंदू शरणार्थी परिवारों की स्थिति बेहद नाजुक हो गई है। इनका कहना है कि
"हम पाक उत्पीड़न से भागकर आए थे, अब यहां भी संकट में हैं।"
अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार शॉर्ट टर्म वीजा पर आए धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए मानवीय दृष्टिकोण से क्या रुख अपनाती है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.