राजस्थान सरकार : की महत्वाकांक्षी मुफ्त इलाज योजना (Rajasthan Government Health Scheme - RGHS) में करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ है। सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल, जयपुर के वरिष्ठ डॉक्टर मनोज कुमार जैन को इस फर्जीवाड़े में लिप्त पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर उन्हें निलंबन अवधि में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय में अटैच करने के निर्देश दिए हैं।
इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश आधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के माध्यम से हुआ। AI टूल्स की मदद से इलाज के बिलों, मरीजों के रिकॉर्ड और दवाइयों की खरीद-फरोख्त में कई अनियमितताओं का पता चला। जांच में सामने आया कि बिना मरीजों के इलाज किए भारी भरकम बिल सरकारी योजना के तहत क्लेम किए गए थे।
डॉक्टर मनोज जैन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी मरीजों के नाम पर इलाज दिखाकर लाखों-करोड़ों रुपये का बिल बनवाया। इसके अलावा कुछ वास्तविक मरीजों के उपचार में भी अनावश्यक खर्च जोड़कर योजनांतर्गत अत्यधिक रिफंड क्लेम किए गए। प्रारंभिक जांच में करोड़ों रुपये के गबन की बात सामने आई है, जिसकी विस्तृत जांच जारी है।
राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि सरकारी योजनाओं में किसी भी तरह की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि दोषी पाए जाने पर डॉक्टर जैन के खिलाफ न सिर्फ विभागीय कार्रवाई, बल्कि आपराधिक मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।
डॉक्टर मनोज जैन के निलंबन के बाद अब विभागीय और कानूनी स्तर पर विस्तृत जांच की जा रही है। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि इस घोटाले में अन्य कौन-कौन से कर्मचारी या अधिकारी शामिल हो सकते हैं। जाँच में दोषी पाए जाने पर अन्य लोगों पर भी कार्रवाई संभव है।
इस प्रकरण ने एक बार फिर सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और निगरानी बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है। AI तकनीक के प्रभावी उपयोग से ऐसे फर्जीवाड़ों का जल्दी पता लगाना संभव हो पाया है, जिससे भविष्य में भी भ्रष्टाचार रोकने के रास्ते खुलते हैं।
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