अजमेर: के प्रसिद्ध आनासागर झील में मंगलवार को दोपहर के करीब एक दुखद घटना घटी। झील के किनारे घूम रहे लोगों ने अचानक एक युवती को पानी में कूदते देखा। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग और झील पर गश्त कर रहे पुलिसकर्मी तुरंत हरकत में आए। कड़ी मशक्कत के बाद युवती को पानी से बाहर निकाला गया।
युवती, जिसकी पहचान अजमेर की एक कोचिंग टीचर के रूप में हुई है, बेहोश थी और उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाई और उसे जवाहरलाल नेहरू अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों की एक टीम उसका इलाज कर रही है।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों और बाद में पुलिस को दिए अपने बयान में पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाई। उसने बताया कि कुछ समय पहले उसके साथ यौन उत्पीड़न हुआ था, जिसका मामला पुलिस में दर्ज है। पीड़िता ने आरोप लगाया कि उस पर लगातार इस केस को वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा था। उसने यह भी बताया कि घर पर उसके पिता आए दिन उसके साथ मारपीट करते हैं और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए पागल कहते हैं।
पीड़िता ने बताया कि इन सबसे तंग आकर और गहरे अवसाद में घिरकर उसने यह आत्मघाती कदम उठाया। उसकी बातों से स्पष्ट था कि वह मानसिक और भावनात्मक रूप से बुरी तरह टूट चुकी थी और उसे कोई और रास्ता नहीं सूझ रहा था।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की दयनीय स्थिति और उन्हें मिलने वाले सामाजिक और पारिवारिक समर्थन की कमी को उजागर किया है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि यौन उत्पीड़न के मामलों में न्याय मिलने में देरी और पीड़िता पर दबाव बनाने की कोशिशें उन्हें किस हद तक निराशा और हताशा की ओर धकेल सकती हैं।
अजमेर पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस पीड़िता के बयानों के आधार पर उन लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रही है जो उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे और उसके साथ घरेलू हिंसा कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि पीड़िता को न्याय दिलाना और उसे हर संभव सहायता प्रदान करना उनकी प्राथमिकता है।
इस दुखद घटना के बाद शहर में शोक की लहर है। लोगों ने पीड़िता के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है और इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि समाज में महिलाओं के प्रति इस तरह का अमानवीय व्यवहार क्यों जारी है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिला संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और सरकार से मांग की है कि यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को त्वरित न्याय और सुरक्षा प्रदान करने के लिए और अधिक प्रभावी कदम उठाए जाएं।
यह घटना हम सभी के लिए एक सबक है कि हमें अपने आसपास के लोगों के प्रति अधिक संवेदनशील रहने और उनकी मानसिक और भावनात्मक भलाई का ध्यान रखने की आवश्यकता है। खासकर उन महिलाओं के प्रति जो किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पीड़न का शिकार हुई हैं, उन्हें हमारे समर्थन और सहानुभूति की सख्त जरूरत है।
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