रुद्रप्रयाग : केदारनाथ धाम के कपाट छह महीने बाद मंगलवार सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस शुभ अवसर पर पूरा मंदिर लगभग 2000 किलोग्राम फूलों से सजाया गया। मंदिर की यह अलौकिक सजावट कोटा (राजस्थान) के सात युवाओं ने मिलकर तैयार की, जिसने हर भक्त के मन को भक्ति और आनंद से भर दिया।
इस बार फूलों से सजी इस अलौकिक झांकी की जिम्मेदारी कोटा के सात युवाओं की टीम ने निभाई। ये सभी पेशे से डेकोरेशन आर्टिस्ट हैं, जो हर साल केदारनाथ और बद्रीनाथ जैसे तीर्थस्थलों की सजावट में अपनी सेवा देते हैं। युवाओं ने बताया कि वे पिछले 15 दिनों से लगातार मंदिर परिसर में सजावट का कार्य कर रहे थे।
मंदिर की सजावट के लिए गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा, ऑर्किड, जरबेरा जैसे फूलों को पश्चिम बंगाल से विशेष रूप से मंगवाया गया। इन फूलों से भगवान शिव का त्रिशूल, डमरू और शिवशंभु की सुंदर आकृतियां बनाई गईं। फूलों की यह सजावट न सिर्फ सौंदर्य का प्रतीक है बल्कि आस्था की एक जीवंत मिसाल भी है।
पट खुलने के बाद जैसे ही श्रद्धालु मंदिर पहुंचे, उन्होंने फूलों से सजे केदारनाथ मंदिर को देखकर "हर हर महादेव" के जयकारों से वातावरण गूंजा दिया। कई श्रद्धालुओं ने कहा कि इतनी सुंदर सजावट उन्होंने पहले कभी नहीं देखी।
केदारनाथ धाम के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है। प्रशासन ने यात्रियों के लिए सुरक्षा, स्वास्थ्य, और आपदा प्रबंधन की दृष्टि से पुख्ता इंतजाम किए हैं। मंदिर की सजावट के साथ-साथ श्रद्धालुओं के स्वागत की भी भव्य तैयारियां की गई हैं।
केदारनाथ धाम की इस सजावट ने न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभूति दी, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि अगर युवाओं की भक्ति और रचनात्मकता एक हो जाए, तो पर्वतों पर भी स्वर्ग की छटा उतर सकती है। यह फूलों की सजावट सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं, आस्था और कला का संगम बन गई है।
All Rights Reserved & Copyright © 2015 By HP NEWS. Powered by Ui Systems Pvt. Ltd.