कोटा : राजस्थान के कोटा जिले में RTO इंस्पेक्टर नरेश बलवाल की ड्यूटी के दौरान दर्दनाक मौत ने पूरे परिवहन विभाग को झकझोर कर रख दिया है। गोपालपुरा माताजी के पास, एक ओवरलोड ट्रेलर के ड्राइवर ने चालान काटे जाने से नाराज होकर इंस्पेक्टर को ट्रेलर से कुचल दिया। इस वीभत्स घटना में बलवाल की मौके पर ही मौत हो गई।
घटना शुक्रवार सुबह की बताई जा रही है, जब नरेश बलवाल ने हाईवे पर एक ओवरलोड ट्रेलर को रुकवाकर उसका चालान काटा। इसी दौरान चालक ने जानबूझकर ट्रेलर चढ़ाकर उन्हें कुचल दिया और मौके से फरार हो गया। पुलिस ने ट्रेलर को जब्त कर लिया है, हालांकि आरोपी चालक की तलाश जारी है।
इस जघन्य हत्या के बाद परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है। कोटा आरटीओ ऑफिस और आस-पास के जिलों में कर्मचारियों ने पूरे दिन का कार्य बहिष्कार किया। उनका कहना है कि यह एक सुनियोजित हमला है और दोषी को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
मृतक नरेश बलवाल के परिजनों ने सरकार से शहीद का दर्जा, ₹1 करोड़ मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। परिजनों ने साफ कहा है कि जब तक यह मांगें नहीं मानी जातीं, अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
इस घटना ने सड़क परिवहन सुरक्षा और अधिकारियों की ड्यूटी के दौरान सुरक्षा की कमी को उजागर कर दिया है। RTO इंस्पेक्टर्स अक्सर हाईवे पर बिना सुरक्षा के चालान और जांच कार्य करते हैं, जो अब उनकी जान पर बन आता दिख रहा है।
कोटा पुलिस अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है। उन्होंने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की गई है। वहीं, परिवहन विभाग ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नियमों में बदलाव और अधिकारियों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है।
निष्कर्ष:
RTO इंस्पेक्टर की ड्यूटी के दौरान हत्या सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था की हत्या भी है। अब सवाल है—क्या सरकार मृतक अधिकारी के परिवार की मांगें मानेगी? और क्या ऐसे अधिकारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी?
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