नई दिल्ली | भारत ने 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तान पर संयुक्त सैन्य हमला किया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारतीय सेना के तीनों अंगों—थल सेना, वायुसेना और नौसेना—ने समन्वित तरीके से पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए।
ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सैन्य इतिहास में मील का पत्थर माना जा रहा है। 1971 में हुए बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद यह पहला मौका है जब तीनों सेनाओं ने मिलकर पाकिस्तान पर हमला किया। यह कार्रवाई पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैय्यबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर की गई।
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 1.44 बजे रात में सटीक मिसाइल हमले किए। नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें बहावलपुर, मुजफ्फराबाद, सियालकोट और कोटली के आतंकी कैंप शामिल थे। इन हमलों में आतंकियों के बड़े नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया गया है।
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर में खास सावधानी बरती। सटीक हमलों में केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जबकि किसी भी नागरिक क्षेत्र को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह हमला आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति का हिस्सा है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने अमेरिकी समकक्ष और विदेश मंत्री मार्को रुबियो से बात की और पूरी कार्रवाई की जानकारी दी। यह भारत की सैन्य शक्ति के साथ-साथ कूटनीतिक सक्रियता को भी दर्शाता है।
संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। वहीं, भारत ने साफ किया है कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी और वह अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
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