जयपुर: जयपुर फुट के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (BMVSS) ने एक बार फिर भारत का नाम गर्व से ऊँचा कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने BMVSS की विकलांगजनों के पुनर्वास के क्षेत्र में दी गई सेवाओं की खुले दिल से प्रशंसा की है। इस अवसर पर संस्था के संस्थापक डी.आर. मेहता को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया, जिन्होंने वहां बीएमवीएसएस की वैश्विक यात्रा और योगदान की विस्तृत जानकारी साझा की।
डी.आर. मेहता ने बताया कि संस्था द्वारा अब तक 114 अंतरराष्ट्रीय शिविरों का आयोजन किया जा चुका है, जिनके माध्यम से 50,000 से अधिक विदेशी विकलांगजनों को जयपुर फुट और अन्य कृत्रिम अंग प्रदान कर नई जिंदगी दी गई है।
संस्था ने न केवल तकनीक, बल्कि सहज उपलब्धता और मानवीय स्पर्श के साथ सेवा दी है।
संयुक्त राष्ट्र ने BMVSS को विशेष रूप से आमंत्रित किया था, ताकि विश्व समुदाय को यह बताया जा सके कि किस प्रकार विकासशील देश में कार्य कर रही एक संस्था ने दुनिया के सुदूर क्षेत्रों तक पहुंच बनाकर लाखों विकलांगों को फिर से चलने और सामान्य जीवन जीने की शक्ति दी है।
जयपुर फुट अब महज एक कृत्रिम अंग नहीं, बल्कि मानवता की मिसाल बन चुका है। BMVSS ने इसे सस्ता, टिकाऊ और प्रभावी बनाकर उन लोगों तक पहुंचाया है जो बड़े ब्रांड्स के उत्पाद नहीं खरीद सकते थे। आज यह अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों में आशा की किरण बन चुका है।
डी.आर. मेहता ने अपने संबोधन में कहा—
“हमारा उद्देश्य सिर्फ तकनीक देना नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता लौटाना है। जयपुर फुट का हर लाभार्थी हमारी प्रेरणा है।”
जयपुर फुट की कहानी एक भारतीय नवाचार से शुरू होकर आज संयुक्त राष्ट्र मंच तक पहुंच गई है। BMVSS और डी.आर. मेहता द्वारा किए गए इस कार्य ने साबित कर दिया कि सेवा, समर्पण और विज्ञान के संगम से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।
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