चौमूं राजस्थान के जयपुर: जिले के चौमूं स्थित पैतृक गांव में आज भारत-पाकिस्तान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हेड कॉन्स्टेबल रतन सिंह शेखावत (56) को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। देश सेवा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए रतन सिंह को उनके 27 वर्षीय बेटे सुरेंद्र ने मुखाग्नि दी, इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे और पूरा वातावरण "भारत माता की जय" और "शहीद रतन सिंह अमर रहें" के नारों से गूंज उठा।
शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना के जवानों ने उन्हें 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया। बंदूकों से सलामी दी गई और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें अंतिम सम्मान प्रदान किया।
घर पहुंचते ही बेसुध हुई पत्नी, गांव में पसरा सन्नाटा
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए रतन सिंह शेखावत का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके पैतृक गांव पहुंचा, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। घर के बाहर भारी भीड़ जमा थी, लेकिन पार्थिव शरीर को देखते ही सभी की आंखें नम हो गईं। शहीद की पत्नी अपने पति के शव को देखकर बेसुध हो गईं, जिन्हें परिजनों और स्थानीय लोगों ने संभाला। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था।
शहीद रतन सिंह शेखावत ने देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी शहादत की खबर से पूरे चौमूं क्षेत्र में शोक का माहौल है। गांव के लोग अपने वीर सपूत को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में जमा हुए। हर कोई रतन सिंह शेखावत के बलिदान को नमन कर रहा था और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहा था।
रतन सिंह शेखावत का पार्थिव शरीर विशेष वाहन से उनके गांव लाया गया। इस दौरान रास्ते भर 'शहीद अमर रहें' के नारे लगते रहे और लोग उनके सम्मान में सड़कों पर उमड़ पड़े। उनकी अंतिम यात्रा में स्थानीय जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में आम जनता शामिल हुई।
शहीद रतन सिंह शेखावत का बलिदान देश और समाज के लिए प्रेरणास्रोत है। उनका सर्वोच्च बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।
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